राम नाम की शक्ति Ramayan Hindi Story

Best ramayan story in Hindi


दोस्तो आज हम एक ऐसी कहानी लेकर आए है जो की पौराणिक काल से जुडी है । श्री राम ने समुद्र पर सेतु बना दिया था यह बात जब रावण को पता चली तो उसने भी अपने नाम से पत्थर पानी मे तैरा दिए थे । पर कैसे ? वो इस कहानी मे जानेगे, आखिर क्यों तैरने लगे रावण के नाम के पत्थर? 
रावण ने पानी मे पत्थर कैसे तैरा दिए?

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                 Hindi Story



रामायण की एक घटना है जब श्री राम और रावण के मध्य युद्ध होना तय हो गया, तो रामजी की सेना ने समुन्द्र पर सेतु बनाने का work start कर दिया अभी तक तो यही कहा जाता रहा था की रामजी की सेना रावण की सेना के आगे कई दिखाई नहीं देती है 




लोगो को लगता था की रावण ने तो महादेव को प्रसन्न कर रखा है, और ब्रह्मा से भी वरदान ले रखे है तो इस महाबली को कौन पराजित करेगा? लेकिन जब अकेले हनुमानजी ने लंका को तहस नहस कर दिया तो पूरी लंका हिल गई जब एक वानर में इतनी ताकत है तो बाकी के वानरो की ताकत का अनुमान लगाना सहज नहीं है तब तो हालत यह हो गई थी कि वानर कहलाने वाले वे लोग अपने हाथ में मोटे मोटे पत्थर उठाकर उस पर ‘राम’ का नाम लिखकर समुन्द्र में फेकने लगे और उस सागर में भी ऐसी ताकत नहीं रही कि वह उन पत्थरों को डुबो सके

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कहानी अपाहिज कौन?

 लंकावासियों ने जब यह देखा तो वे हिल गये वे सोचने लगे की इस वानर जाति का मुकाबला करना तो रावण जैसे महाबली के लिए भी मशक्क्त का काम हो जाएगा रावण के पास जब यह बात पहुंची की लंकावासी परेशान हो गये है. राव के दरबार के मंत्री और सभासद कहने लगे की महाराज , पुरे देश में आपके प्रति अस्थिरता का भाव पनप रहा है , अविश्वास की लहर उठ रही है

 अगर आपको जनता का विश्वास हासिल करना है तो आपको भी सागर के किनारे जाकर आपना नाम पत्थरों पर लिखकर उन्हें समुन्द्र में उतारना होगा। अगर आप पानी में पत्थर तिरा सके तो आप जनता का विश्वास जितने में सफल हो जाएंगे. रावण जनता था की उसके पास ढेरों प्रकार की शक्तियाँ है पर पत्थर को पानी में तैराने की कला और शक्ति उसके पास नहीं है लेकिन अगर जनता में लंकाधिपति के प्रति विश्वास ही न रहेगा तो युद्ध में उसके साथ कौन लडेगा

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 सभासदों के दबाव में आकर रावण समुन्द्र के किनारे पहुच गया और उसने घोषणा भी कर दी की वह वह पत्थरों को पानी में तेरा देगा। राक्षसों द्वारा वहां बड़े बड़े पत्थर इकट्ठे कर दिये गये सबके उपर रावण लिख दिया गया क्या आप जानते है की वे पत्थर तैरते रहे या डूब गये ?  अगर डूब गये तो क्यों और तैरते रहे तो क्यों?

    अगर ‘राम’ नाम के पत्थर तैरते रहे तो जन लीजिए की ‘रावण’ नाम के पत्थर भी तैरते रहे। केवल सकारात्मक विचारो के कारण रावण ने पत्थर उठाए, कुछ सोचा और पानी में पत्थर उतर दिये, सारे पत्थर तैरने लगे लंका में रावण की जय जयकार हो गई कि दुनिया में केवल राम की ही ताकत नहीं है रावण की ताकत भी ताकत है

रावण जब राजमहल पहुंचा तो मंदोदरी ने कहा,- “ मै यह तो जानती हूँ कि आपमें बहुत शक्ति और ताकत हसे लेकिन यह बात समझ में नहीं आई कि आपके नाम में ऐसी कौनसी करामात है कि पत्थर भी तैर गये? क्योंकि जब मैने सुना तो मै भी समुन्द्र के किनारे गई  मैने भी पत्थर पर ‘रावण’ लिखा था और जैसे ही पानी में छोड़ा तो वो डूब गया  आपने ‘रावण’ लिखाकर वो पत्थर कैसे तैर दिए ?

रावण ने कहा , प्रिय! अब तुमसे क्या छिपाना ? हर पत्थर पर रावण लिखा गया तब मै भी संदिग्ध था कि पत्थर डूबेगा या तैरेगा ? मैने पत्थर को हाथ में उठाया और मन ही मन उससे कहा,-“ हे पत्थर, तुम्हे राम की सौगंध है डूबना मत, तो ऐसा कहे हुए मैने पत्थर पानी में छोड़ दिया और पत्थर तैर गया। पत्थर पर भले ही ‘रावण’ शब्द लिखे हो , पर नीचे तो राम ही का नाम था। 

शिक्षा – यदि पता चल जाए की दुश्मन में भी खास रहस्य छुपा है तो आपकी सकारात्मकता इसमें है कि आप उस गुण को अपने जीवन में उतार लो, तुम्हारी ताकत ओर 10 गुनी बढ़ जायेगी। यदि आपकी सोच और विचार ठीक और बेहतर हे तो पूरी life बेहतर हो जाती है

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1 comment:

  1. bahut hii aachii post hai ......aap bahut badiya post karte hai aswome.....like it your blog ....good work...

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