स्तनपान कैसे करवाएं और स्तनपान के लाभ Breastfeeding information in hindi

breastfeeding information

 आजकल आधुनिकता की आड़ में बहुत सी माएं अपने बच्चो को breastfeeding नहीं करवाती है बल्कि bottelfeeding से ही बच्चे को feeding करवाती है.  इससे children और mother दोनों को नुकसान होता है.
आज हम gyandrashta.com breastfeeding के बारें में पूरी जानकारी पोस्ट कर रहे है.

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स्तनपान कराने के लाभ benefits of breastfeeding

          माँ के दूध से बढ़कर बच्चे के लिए कोई भी दूसरा पोषक तत्व नहीं है. जब बच्चा जन्म लेता है तब ही माँ के स्तन में दूध आता है इससे यह स्पष्ट होता है की बच्चे के लिए माँ का दूध ही लाभदायक है.
breastfeeding कराने के बहुत से लाभ है. माँ का दूध बच्चे के लिए अमृत होता है. जो बच्चे बचपन में माँ के दूध से वंचित रहते है उन्हें कई तरह की बीमारियाँ हो जाती है.


breastfeeding and bottle feeding मेंसे breastfeeding बच्चे को feeding करवाने का सबसे अच्छा और लाभदायक तरीका है. breastfeeding करवाने से बच्चे और mother को बहुत लाभ होते है जैसे -

10 advantages of breastfeeding

⦁    माँ के दूध में कीटाणु नहीं होते है.

⦁    माँ का दूध ताकतवर और पोष्टिक होता है.

⦁    सीधा breastfeeding करवाने से दूषित हवा लगने का भी खतरा नहीं रहता है.

⦁    यह दूध हल्का होता है, जिससे बच्चा जल्दी पचा पाता है.

⦁    माँ के दूध में  बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए importance सभी पोषक तत्व होते है.

⦁    माँ के दूध को गर्म करने की और मीठा मिलाने की जरूरत नहीं होती है.

⦁    breastfeeding के टाइम बच्चा कम से कम 20 minute तक माँ के पास रहता जिससे उस माँ का प्यार मिलता है और बच्चे को संतोष भी मिलता है.

⦁    bottelfeeding से बच्चे breastfeeding की अपेक्षा 3 गुना ज्यादा बीमार होते है.

⦁    दूध पिलाने से माँ की बच्चेदानी ठीक अवस्था में आ जाती है.

⦁    माँ को तृप्ति मिलती है और माँ व बच्चे के बिच में स्नेह भी बढ़ता है.




बच्चे को दूध कैसे पिलाएं

   सबसे पहले तो एक बात का प्रमुखता से ध्यान रखे की बच्चे को breast से ही feeding करवाएं. breastfeeding करवाते समय कुछ बातों  का ध्यान रखना बहुत जरुरी है.

 बच्चे को दूध पिलाने से पहले स्तन को साफ कर ले. कई माताएं काम करते करते जब बच्चा रोने लगता है तब दूध पिला देती है . बिना साफ स्तन के दूध पिलाने से बच्चे के मुंह में छाले हो सकते है.

यदि खाना बनाते समय और कोई hard work करने के तुरंत बाद बच्चे को दूध न पिलाए बल्कि कुछ देर तक body को relax होने के बाद जब शरीर का तापमान सामान्य हो जाए तब breastfeeding करवाएं.

बच्चे को बारी बारी से दोनों स्तनों से दूध पिलाना चाहिए.

बच्चे को नियमित अन्तराल में दूध पिलावे. जब भी बच्चा रोता है इसका मतलब यह नहीं की वः भूखा है कुछ ओर problems हो सकती है.

यदि बच्चा दूध पिलाने से पहले रोता है तो उसे गर्म करके (ठंडा होने के बाद) पानी पिलाना चाहिए.

बच्चे को दूध पिलाने के बाद कंधे पर लेटाकर उसकी पीठ को थपथपाना चाहिए, जिससे बच्चे को डकार आ
जाती है और जो breastfeeding के दौरान हवा पेट में गई थी वो बाहर आ जाती है.

 दूध छुड़ाने के उपाय how to stop breastfeeding

  जब भी बच्चे को स्तनपान छुड़ाना हो तो उसे एकदम से छुड़ाने की बजाए धीरे धीरे छुड़ाना चाहिए. यदि पहले आप बच्चे को दिन में 6 बार feeding करवाते थी तो अब उसे 5 बार कर दीजिए और फिर 4,3.... एशे कम करते जाएं.

छ: महीने के बच्चे को रेशेदार सब्जी, खिचड़ी, साबूदाना, केला, फलों का रस आदि पिला सकते है. जब बच्चे को दूध छुड़ाना हो उससे पहले यह सब चीजे देनी शुरू कर  देनी चाहिए.

बच्चे की इतनी देखभाल तब ही की जाती है जब घर में उससे छोटा या हमउम्र कोई बच्चा नहीं हो. इसलिए बच्चों के बिच में उचित अन्तराल रखे जिससे बच्चे का पोषण अच्छे से हो सकता है और माँ की health भी अच्छी रहती है.

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