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दोस्तों
आज हम इस पोस्ट में Rotomac
scam क्या है? इस scam को
कैसे अंजाम दिया गया ? और इस पुरे मामले के पीछे किसका हाथ
है? इन सभी point पर discuss करेंगे .
PNB Scam और rotomac fraud ने
हमारे Banking system की policy पर question
mark लगा दिया है.और यह सोचने पर मजबूर कर
दिया है कि आखिर ऐसी क्या वजह है जिसके कारण इन्हें इतना loan pass कर दिया जाता है और फिर ऐसे लोग पैसे लेकर भाग जाते है.
तो सबसे
पहले हमे यह जानना जरुरी है की आखिर यह इतना बड़ा 3,695 करोड़ रुपयों का घोटाला करने
वाला व्यक्ति कौन है ? इस पुरे scam के पीछे सबसे
बड़ा हाथ विक्रम कोठारी का है जो की rotomac Global company के MD है.
Rotomac की tagline है "लिखते लिखते बंद हो जाए " और
इन्होने "लिखते लिखते घोटाल कर दिया."
विक्रम कोठारी कौन है?
विक्रम
कोठारी " पान पराग" के मालिक मनसुखलाल के बेटे है. पान पराग जानी मानी कंपनी है और
विक्रम कोठारी ने इसका बहुत फायदा लिया बैंक से लोन लेने में. पान पराग के founder मनसुखलाल के दो बेटे - विक्रम
कोठारी और दीपक कोठारी. जब सम्पत्ति का बंटवारा किया गया तो
दीपक को पान पराग मिली और विक्रम कोठारी को Rotomac कंपनी
मिली थी.
what is the issue ? मामला क्या है?
Rotomac Global एक pen बनाने वाली
company है जो की कानपूर (उत्तरप्रदेश)
है. और विक्रम कोठारी इस company के director
है. Rotomac
के विरुद्ध शिकायत की गई कि company ने wilful
loan default किया है अर्थात सक्षम होते हुए भी पैसे को वापस नहीं
किया गया है. और अभी तक total 3,695 करोड़
रूपये के घोटाले की बात सामने आई है.
bank of
baroda ने इस पुरे scam के खिलाफ सबसे पहले शिकायत
की और पूरा मामला मीडिया के सामने आया. सीबीआई ने Rotomac company के 3 director और कुछ bank के staff
के खिलाफ case दर्ज किया है.
Rotomac ने 7 public sector banks को cheat
करके इस पुरे scam को किया है. इस में सबसे अधिक नुकशान indian
overseas bank का हुआ क्योंकि उन्होंने सबसे ज्यादा पैसे दिए थे. Total 3,695 करोड़ मेंसे 2,919 करोड़ रूपये बैंक से loan किया गया था और 776 करोड़ Interest and penalties है. किसी बैंक ने कितने पैसे दिए वो आप निचे photo में
देख सकते है.
scam को कैसे किया गया?
अब
सवाल उठता है की आखिर इस scam को कैसे किया? तो बैंक ऑफ़ बडोदा ने शिकायत में कहा है की Rotomac
company ने siphoning of fund किया है. सबसे पहले यह समझते है की आखिर यह siphoning of fund क्या होता है?
siphoning of fund
यदि इसको सीधा सा समझे तो जैसे की यदि हम बैंक
से किसी business के लिए loan
लेते है लेकिन उस को हम उस business में नहीं
लगा कर किसी दुसरे काम में लगा देते है.
इस
प्रकार siphoning करने से जिस company
के लिए लोन लिया है वो तो नुकशान में जाती ही है साथ ही जिस बैंक से
लोन लिया गया है उसकी भी financial health कमजोर होती है. बैंक जब किसी को लोन देती है तो उस time यह तय किया
जाता है की पैसा कहाँ use होगा? तो इस
प्रकार विक्रम कोठारी ने siphoning of fund करके banks
को धोखा दिया है.
diversion of fund
जिस
उद्देश्य के साथ लोन लिया जाता है उस पैसे का उपयोग उस उद्देश्य को पूरा करने में न करके दुसरे काम
में लगया जता है तो उसे हम Diversion
of fund कहते है. जैसे धन को अचल सम्पति (जमीन,घर) खरीदने में खर्च करना.
इसमें होता यह है की बैंक जब लोन देता है तो उसकी कुछ Rules और condition होती है लेकिन Rotomac में उन Condition
के खिलाफ जाकर fund का उपयोग किया .
diversion
of fund में निम्न condition होती है -
- किसी short-trem उद्देश्य के लिए गये फण्ड का long-trem के उद्देश्य में लगाना.
- जिस purposes के लिए loan लिया गया उसमें उसे न करके किसी दुसरे काम में पैसे लगाना .
- lenders की अनुमति के बिना फण्ड का उपयोग अपनी सहायक company में करना.
तो Rotomac Global ने बैंक की policy को तोड़ कर fund का misuse किया है. उन्होंने
गेहूं खरीदने के नाम पर पैसे लेकर उन पेसो को विदेश में transfer कर दिए.
Rotomac export order को निष्पादित करने के नाम पर बैंक से loan लिया लेकिन उसको भी दूसरी जगह पर लगा दिया. BOB ने अपनी शिकायत में कहा है कि Rotomac ने जिन order के नाम पर पैसे लिए ऐसे किसी भी goods को export नहीं किया है. और इस तरह rotomac ने बैंक को चुना लगाया.
Round tripping of black money
vikram kothari
ने अपनि ब्लैक money को छुपाने के लिए round
tripping का सहारा लिया और इसके द्वारा Tex चोरी करते रहे.
इसमें होता यह है कि जब आप country में रहकर कुछ income करते हो और उससे अपनी capital बनाते हो तो आपको govt. को Tex pay करना होता है. रोतोमक ने क्या किया कि उसने अपनी मनी को छुपाने के लिए विदेशों में अपनी फर्जी कंपनी बैठा ली. और जो tex देने जाने योग्य मनी थी उसको उन कम्पनी में लगा दिया.
और उन companies के माध्यम से Indian
share market में invest किया गया. और इस प्रकार जो money Tex थी वो income का जरिया हो गई.
इस तरह
विक्रम कोठारी लगातार TEX की भी चोरी करता रहा.
Rotomac scam case में क्या हुआ?
इस case में सीबीआई ने FIR दर्ज की
है और Rotomac के 3 location पर छापा
मारा गया है और Income Tex Department ने
कोठारी के 14 bank account को बंद कर दिया गया है.
इस घटना
से क्या सीखे ? what's to learn
from this incdent?
जो scam हुआ है उससे सीखते हुए बैंक
को और govt. को policy में बदलाव
करना होगा.
बैंक mengemant system को प्रभावी बनाना होगा. बिना management के सहयोग के इतना बड़ा scam नहीं हो सकता है . इसलिए management को मजबूत बनाना
बहुत जरुरी है.
banking system को politics
से दूर रखा जाए और जो scam हो जाता है उसकी quick जाँच करवाएं.
दोस्तों
आपको हमारी यह पोस्ट कैसी लगी? आप अपने विचार जरुर रखे और यदि आपको हमारी post में
कोई कमी नजर आती है तो हमे जरुर इन्फॉर्मेशन करें .
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