दोस्तों आज हम इस post में ऐसी 20 point के बारे में बात करेंगे जिनको follow करेंगे तो आपकी लाइफ खुशहाल हो सकती है | इस 20 points मे every point में चार बातों का जिक्र है |
1. चार बातों को याद रखें :- बड़े बूढ़ों का आदर करना , छोटों से स्नेह रखना व उनको पूर्ण सरंक्षण देना , बुद्धिमानों से सलाह लेना और मूर्खो के साथ कभी न उलझना |
2. इन चार चीजो का सदा सेवन करना चाहिये :- सत्संग , संतोष , दान और दया |
3. आदमी के बिगड़ने की चार अवस्था :- जवानी , धन , अधिकार और अविवेक |
4. ये चार चीजे मनुष्य को बड़े भाग्य से मिलती है :- उदारता , चरित्र की निर्मलता , संतो की संगती और भगवान को याद रखने की लगन |
5. ये चार बहुत दुर्लभ है :- धन में पवित्रता , दान में विनय , वीरता में दया और अधिकार में निराभिमानता |
6. इन चार चीजो पर कभी भरोसा मत करो :- शत्रु , बिना जीता हुआ मन , स्वार्थियों की खुशामद और बाजारू ज्योतिषियों किन भविष्यवाणी |
7. इन चार चीजों पर हमेशा भरोसा रखो :- सत्य , पुरुषार्थ , स्वार्थहीन मित्र और इष्टदेव |
8. ये चार चीजें जाकर फिर नहीं लौटती :- मुँह से निकली बात , कमान से निकला तीर , बीती हुई उम्र और मिटा हुआ अज्ञान |
9. इन चार बातों को हमेशा याद रखो :- दुसरे द्वारा किया हुआ अपने ऊपर उपकार , अपने द्वारा दुसरे पर किया गया उपकार , मृत्यु और भगवान |
10. इन चार के संग से बचने की चेष्टा रखे :- नास्तिक , अन्याय का धन , परनारी और परनिंदा |
11. इन चार पर मनुष्य का बस नहीं चल सकता :- जीवन , मरण , यश और अपयश |
12. इन चार का परिचय इन चार अवस्थाओ में मिलता है :- दरिद्रता में मित्रता का , निर्धनता में स्त्री का , रण में शूरवीरता का और बदनामी में बन्धु बांधवों का |
14. शुद्ध साधना के लिए इन चार बातों का पालन आवश्यक है :- भूख से कम खाना , लोक प्रतिष्ठा का त्याग , निर्धनता को स्वीकारना और ईश्वर इच्छा में संतोष |
15. मनुष्य चार प्रकार के होते है :- मक्खीचूस - न आप खाये और न दूसरों को खाने दे |
स्वार्थी - आप तो खाये पर दूसरों को न दे |
उदार - आप भी खाये और दूसरों को भी दे |
दाता :- जो आप न खाकर दूसरों को दे |
यदि सभी लोग दाता न बन सके तो कम से कम उदार तो बनना ही चाहिए |
16. मन के चार प्रकार होते है :- धर्म से विमुख जीव का मन मुर्दा है , पापी का मन रोगी है , लोभी तथा स्वार्थी का मन आलसी है और भजन साधना में मन स्वस्थ है \
17. इन चारों को कभी विस्मरण नहीं करना चाहिये :- माता , पिता , गुरु और स्वयं के प्रति अन्य द्वारा किया गया उपकार |
18. चार चीजे स्वास्थ्य के लिए हितकर है :- मौसम के अनुसार ही खाना पीना , भूख लगने पर ही खाना , जल्दी सोना और जल्दी उठना |
19. इन चार को अपने मन मंदिर में मत पनपने दो :- काम , क्रोध , लोभ और ईर्ष्या |
20. ये चार चीजे कभी भरोसे लायक नहीं है :- काया , माया , छाया और साया |
friends आपको हमारा यह जीवन में चार का महत्त्व पर लेख कैसा लगा | आपको यदि हमारा यह लेख पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे |
1. चार बातों को याद रखें :- बड़े बूढ़ों का आदर करना , छोटों से स्नेह रखना व उनको पूर्ण सरंक्षण देना , बुद्धिमानों से सलाह लेना और मूर्खो के साथ कभी न उलझना |
2. इन चार चीजो का सदा सेवन करना चाहिये :- सत्संग , संतोष , दान और दया |
3. आदमी के बिगड़ने की चार अवस्था :- जवानी , धन , अधिकार और अविवेक |
4. ये चार चीजे मनुष्य को बड़े भाग्य से मिलती है :- उदारता , चरित्र की निर्मलता , संतो की संगती और भगवान को याद रखने की लगन |
5. ये चार बहुत दुर्लभ है :- धन में पवित्रता , दान में विनय , वीरता में दया और अधिकार में निराभिमानता |
6. इन चार चीजो पर कभी भरोसा मत करो :- शत्रु , बिना जीता हुआ मन , स्वार्थियों की खुशामद और बाजारू ज्योतिषियों किन भविष्यवाणी |
7. इन चार चीजों पर हमेशा भरोसा रखो :- सत्य , पुरुषार्थ , स्वार्थहीन मित्र और इष्टदेव |
8. ये चार चीजें जाकर फिर नहीं लौटती :- मुँह से निकली बात , कमान से निकला तीर , बीती हुई उम्र और मिटा हुआ अज्ञान |
9. इन चार बातों को हमेशा याद रखो :- दुसरे द्वारा किया हुआ अपने ऊपर उपकार , अपने द्वारा दुसरे पर किया गया उपकार , मृत्यु और भगवान |
10. इन चार के संग से बचने की चेष्टा रखे :- नास्तिक , अन्याय का धन , परनारी और परनिंदा |
15 अनमोल वचन | 15 quotes to success in your life in hindi
11. इन चार पर मनुष्य का बस नहीं चल सकता :- जीवन , मरण , यश और अपयश |
12. इन चार का परिचय इन चार अवस्थाओ में मिलता है :- दरिद्रता में मित्रता का , निर्धनता में स्त्री का , रण में शूरवीरता का और बदनामी में बन्धु बांधवों का |
loading...
13. इन चार बातों में मनुष्य का कल्याण है :- वाणी के संयम में , कम सोने में , थोडा खाने में और एकांत में भगवत स्मरण में |14. शुद्ध साधना के लिए इन चार बातों का पालन आवश्यक है :- भूख से कम खाना , लोक प्रतिष्ठा का त्याग , निर्धनता को स्वीकारना और ईश्वर इच्छा में संतोष |
15. मनुष्य चार प्रकार के होते है :- मक्खीचूस - न आप खाये और न दूसरों को खाने दे |
स्वार्थी - आप तो खाये पर दूसरों को न दे |
उदार - आप भी खाये और दूसरों को भी दे |
दाता :- जो आप न खाकर दूसरों को दे |
यदि सभी लोग दाता न बन सके तो कम से कम उदार तो बनना ही चाहिए |
16. मन के चार प्रकार होते है :- धर्म से विमुख जीव का मन मुर्दा है , पापी का मन रोगी है , लोभी तथा स्वार्थी का मन आलसी है और भजन साधना में मन स्वस्थ है \
17. इन चारों को कभी विस्मरण नहीं करना चाहिये :- माता , पिता , गुरु और स्वयं के प्रति अन्य द्वारा किया गया उपकार |
18. चार चीजे स्वास्थ्य के लिए हितकर है :- मौसम के अनुसार ही खाना पीना , भूख लगने पर ही खाना , जल्दी सोना और जल्दी उठना |
19. इन चार को अपने मन मंदिर में मत पनपने दो :- काम , क्रोध , लोभ और ईर्ष्या |
20. ये चार चीजे कभी भरोसे लायक नहीं है :- काया , माया , छाया और साया |
friends आपको हमारा यह जीवन में चार का महत्त्व पर लेख कैसा लगा | आपको यदि हमारा यह लेख पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे |
अच्छे सूत्र सभी ... याद रखने वाली बातें ...
ReplyDeleteजीवन से जुडी बहुत जरुरी और उपयोगी बातें बताई हैं । धन्यवाद इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए ।
ReplyDeleteधन्यवाद दिगम्बर नसवा जी एंड बबिताजी
ReplyDelete