आरक्षण आज देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा है । आरक्षण के लिए देश मे जगह-जगह हड़ताल, आंदोलन आदि हो रहे है । आज की पीढ़ी चाहती है कि आरक्षण पर बहस हो ।
आज हम "आरक्षण पर निबंध" मे इस बात का जिक्र करेंगे कि आरक्षण की देश को वास्तव मे आवश्यकता है या नही । आवश्यकता है तो आरक्षण की व्यवस्था क्या होनी चाहिए ।
आरक्षण पर निबंध | essay on reservation policy in hindi
आरक्षण के लिए लोगो द्वारा पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब हमारी राय मे ।
आरक्षण किस लेवल तक हो जातिगत आरक्षण तो बिल्कुल ही समाप्त कर देना चाहिए और आर्थिक आधार पर आरक्षण कुछ जगह या कुछ सेवा मे होना चाहिए ।
● लोगो के लाइफ से जुड़ी सेवाएँ जैसे सेना , मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि जगह पर आरक्षण नही होना चाहिए ।
● देश का न्यायालय सर्वोच्च संस्था है इसलिए न्याय व्यवस्था मे आरक्षण नही होना चाहिए ।
● किसी एक व्यक्ति को अपनी लाइफ मे एक बार ही आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए । एक बार आरक्षण का लाभ उठा कर वो सक्षम बन गया है । अब उसे मेहनत से काम करना चाहिए ।
उपसंहार
उच्च शिक्षा के लिए किताब 📚 खरीद पाना जिसके बस मे नही है वो आरक्षण का कैसे लाभ उठाएगा ।
आरक्षण रूपी बैसाखी का सहारा देने की जगह उसको सक्षम बनाना चाहिए ।
अमेरिका जैसे देश मे भी आरक्षण जैसी व्यवस्था को बंद कर दिया गया है ।
आप को हमारा यह " आरक्षण पर निबंध " कैसा लगा । कमेंट करके जरूर बताना । आप अपने विचार भी कमेन्ट बाक्स मे रखे ।
आरक्षण क्या है आरक्षण एक ऐसी व्यवस्था है जिसमे योग्य व्यक्ति के स्थान पर उससे कम योग्य को उस पद पर बैठाना । क्योंकि कम योग्य व्यक्ति की जाति आरक्षित वर्ग मे आती है । वर्तमान स्वरूप मे ऐसा ही है ।
आज हम "आरक्षण पर निबंध" मे इस बात का जिक्र करेंगे कि आरक्षण की देश को वास्तव मे आवश्यकता है या नही । आवश्यकता है तो आरक्षण की व्यवस्था क्या होनी चाहिए ।
आरक्षण पर निबंध | essay on reservation policy in hindi
आरक्षण के लिए लोगो द्वारा पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब हमारी राय मे ।
- आरक्षण होना चाहिए या नही ।
- आरक्षण किस आधार पर हो ।
- आरक्षण किस लेवल तक हो ।
● आरक्षण होना चाहिए या नही आरक्षण का उद्देश्य उन लोगो को ऊपर उठाना है जो की पिछड़े तबके से है । और जब आरक्षण लागू किया गया था तब हालात कुछ अलग थे और अब हालात कुछ अलग है ।
आज भी कुछ लोगो को आरक्षण की आवश्यकता है । इसलिए आरक्षण होना चाहिए ।लेकिन कुछ अलग नियम और व्यवस्था के साथ होना चाहिए । आरक्षण की वर्तमान स्थिति है उससे वास्तव मे जरूरतमंद को फायदा नही मिलता है ।
● आरक्षण किस आधार पर हो आरक्षण के आधार को लेकर सभी लोगो के अलग अलग मत है । वर्तमान मे आरक्षण जाति के आधार पर है । कुछ जगह पर धर्म के आधार पर भी आरक्षण है ।
जातिगत आरक्षण मे लोगो को आरक्षण का सही लाभ नही मिलता है । वर्तमान मे आरक्षण के लिए अलग अलग कैटेगरी बनाई गई है जैसे ओबीसी , एससी, एसटी और एसबीसी ।
एक कैटिगरी मे पांच पांच या उससे ज्यादा जाति है । और एक बात हम सब जानते है कि इनके कैटिगरी मे एक या दो जातियाँ ही आरक्षण का लाभ उठाती है । बाकी की हालात तो अब भी वैसी की वैसी ही है ।
आर्थिक आधार पर हो आरक्षण यदि सरकार आरक्षण देना चाहती है तो जाति के आधार पर या धर्म के आधार पर आरक्षण न देकर आर्थिक आधार पर आरक्षण देना चाहिए ।
"क्योंकि गरीबी कोई जाति या मजहब देखकर नही आती है । "
आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के लिए सरकार को एक सर्वे करना चाहिए और लोगो की आर्थिक स्थिति को पता करनी चाहिए । फिर एक आय निश्चित कर देनी चाहिए की इस रूपये से कम आय वाले को आरक्षण मिलेगा ।
एक और महत्वपूर्ण बात आरक्षण के लिए सर्व प्रति दस वर्ष मे होना चाहिए ।जैसे जनगणना होती है । क्योंकि दस वर्ष मे व्यक्ति की आर्थिक और सामाजिक स्थिति बदल सकती है ।
आरक्षण किस लेवल तक हो जातिगत आरक्षण तो बिल्कुल ही समाप्त कर देना चाहिए और आर्थिक आधार पर आरक्षण कुछ जगह या कुछ सेवा मे होना चाहिए ।
● लोगो के लाइफ से जुड़ी सेवाएँ जैसे सेना , मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि जगह पर आरक्षण नही होना चाहिए ।
● देश का न्यायालय सर्वोच्च संस्था है इसलिए न्याय व्यवस्था मे आरक्षण नही होना चाहिए ।
● किसी एक व्यक्ति को अपनी लाइफ मे एक बार ही आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए । एक बार आरक्षण का लाभ उठा कर वो सक्षम बन गया है । अब उसे मेहनत से काम करना चाहिए ।
उपसंहार
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आरक्षण देने की बात सरकार करती है इसकी जगह यदि वो यह कहे कि हम सभी को उच्च शिक्षा मुफ्त मे मुवैया करवाएंगे या सस्ते मे उपलब्ध करवाएंगे तो गरीब लोगो को फायदा होगा ।उच्च शिक्षा के लिए किताब 📚 खरीद पाना जिसके बस मे नही है वो आरक्षण का कैसे लाभ उठाएगा ।
आरक्षण रूपी बैसाखी का सहारा देने की जगह उसको सक्षम बनाना चाहिए ।
अमेरिका जैसे देश मे भी आरक्षण जैसी व्यवस्था को बंद कर दिया गया है ।
आप को हमारा यह " आरक्षण पर निबंध " कैसा लगा । कमेंट करके जरूर बताना । आप अपने विचार भी कमेन्ट बाक्स मे रखे ।
सबको समान करना है तो सबसे आसान सब लोग एक जाति के हो जाए।
ReplyDeleteबेहद ज्वलंत विषय पर बेहद संतुलित विचार हैं आपके। एक विचार एवं संग्रहणीय लेख है। आभार।
ReplyDeleteNice but mai aarkshan ka meanining ab bhi nhi samjha
ReplyDeletePlz aarkshan ka simple meaning baataao
1) सबसे पहले तो आरक्षण कोई गरीबी हटाओ आन्दोलन नहीं है | यह भेदभाव निवारण कार्यक्रम है | जातीगत भेदभाव को दूर करने का एक औजार है | (गरीबी दूर करने का औजार नहीं जाती दूर करने का) |
ReplyDelete2) कोई भी सामान्य गरीबी का प्रमाण पत्र बनवाकर गरीब का ठप्पा लगवाना पसंद करता है, लेकिन शुद्र/दलित का प्रमाण पत्र बनवाकर अछुत का ठप्पा लगवाना, कलंक की भाति समझता है |
3) जितने भी सुविधाए जो दलित के साथ-साथ गरीबो को भी दीए जाते है उन सब को या तो हिन्दू सामान्य या फिर मुसलमान हथिया लेते है और अपनी राजनितिक पहुच और भ्रष्टाचार के दम पर दलितों को सुविधा से वंचित कर देते है |
4) अधिकतर नौकरिया निजी क्षेत्र में है | सरकारी नौकरी तो बहुत कम है | और निजी क्षेत्र की नौकरियों में सवर्णों का अप्रत्यक्ष अलिखित आरक्षण है(टाटा कंपनी की सर्वे ने बात साबित भी की है), जिससे सरकारी क्षेत्र में आरक्षण और भी जरुरी हो जाता है |
5) आज भी समाचार पत्रों में कही ना कही पड़ने को सुनने मिल जाता है की जातिगत भेदभाव हुआ है | इसका मतलब जातिगत घृणा ख़त्म नहीं हुई है |
6) SC को 15% का आरक्षण ST को 7% का आरक्षण यानी 100 सिटो मे से 15 और 7 सिट, बस |
OBC को 27% का आरक्षण(वो भी 1990 से), महिला आरक्षण, NRI कोटा और ऐसे कितने आरक्षण है, लेकिन जब भी कही पड़ो या सुनो तो लोगो तो सिर्फ SC ST से ही Problem है | ऐसा क्यों?? कभी सोचा है!! क्यों, आज के आधुनिक युग मे भी OBC का 27%, ST के 7% से कम दिखाई देता है ? ये सदियों से चली आ रही नफ़रत का नतीजा है |
Right h bhai
Deleteआरक्षण पर आपके विचार अत्यंत व्यवहारिक हैं। अच्छा लगा पढकर।
ReplyDeleteAap Ki baat me wo dam nhi hai aur aarakshan ko bat pana itna aasan hota to aj ye topics yaha nhi chal raha hota
ReplyDeleteआप अपने नाम से कमेंट करे और रही बात आरक्षण की तो इस पोस्ट मे कौनसी लाइन तर्क संगत नही है ।
ReplyDeletegreat sahre sir treending topic choosee kiya hai aapne aise hi hmare sath new jankari share karte rahiye dhanyawad
ReplyDeleteगुड ब्लॉग, तकनीक द्रष्टा
ReplyDeletebilkul sahi likha hai aapne
ReplyDeleteThanks you help me alout tomorrow is my essay comption and I am going to write about your view
ReplyDeleteAarakshan aaj kal bhot bada issu hoogya hai agar aarakshan nhi rhai toh hm loog koe uppar degree nhi lai patai aarakshan sb kai leeyai ek shamaan v nhi hona chahiayi Q ki jo bhecharai.Beklang hai unko aarakshan milna..chahiyai. Q ki o hm logo ki trhai nhi hiii
ReplyDeleteAagr kuch glt kha huga toh sry
Aapki bebak baten sochne ko vivash karti hain, Badhayi.
ReplyDeleteA clearly stated thesis that is introduced as early as possible in the essay is a breath of fresh air for professors and instructors. For example, the sentence "Elderly women who need special care don't receive enough attention from the local government" should appear as soon as possible. custom writing service
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