motivational story in Hindi, hindi motivational stories
Today we will post a inspirational stories in hindi. story of a king and a boy.
एक नगर में एक राजा
का राज था। वो राजा प्रतिदिन हाथी पर सवार होकर नगर में घुमने के लिए जाता था। एक
बार जब राज हाथी पर बैठ कर नगर में गया तो एक भिखारी के बच्चे ने हाथी की पूंछ पकड़
ली, पूंछ पर उसकी पकड इतनी मजबूत थी की हाथी एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया।
Motivational storiese
अब आये दिन ऐसी घटना होने लगी जब भी राजा की
सवारी उस आवारा लड़के की गली से गुजरती तो लड़का हाथी की पूंछ पकड़ लेता और हाथी आगे
नहीं बढ़ पाता था। यह नजारा देख कर सभी लोग राजा और हाथी की हँसी उड़ाते थे की देखो
एक छोटे बच्चे ने राजा के हाथी को पकड़ लिया।
राजा उस लड़के से
परेशान होकर उस गली में ही जाना छोड़ दिया लेकिन वो आवारा लड़का अब तो हर जगह जाकर
हाथी की पूंछ पकड़ लेता था। राजा और हाथी दोनों उस लडके से परेशान हो गये।
एक दिन राजा ने एक
महात्मा से अपनी समस्या का जिक्र किया। महात्मा ने राजा से कहा की –“ आप उस
लड़के को बुलाओ और उसे रोज शाम को 6 बजे देवी के मंदिर में दीपक जलाने के लिए रख लो ।”
राजा ने महात्मा के
कहे अनुसार उस लड़के को बुलाकर देवी के मंदिर में डेली शाम को दीपक जलाने के लिए
कहा और साथ ही इस कार्य के लिए उसे प्रतिदिन एक सिक्का देने का वादा किया।
काम बहुत आसान था और इस सिंपल काम के लिए 1 सोने सिक्का मिल रहा था तो लडके ने तुरंत हाँ कह दी।
loading...
अबकी बार जब राजा की
सवारी उस लड़के की गली से गुजरी तो उस लड़के ने फिर से हाथी की पूंछ पकड़ ली लेकिन आज
लड़के के पूंछ पकड़ लेने के बावजूद हाथी पर कोई इफ़ेक्ट नहीं पड़ा और वो मस्ती से चलने
लगा । लड़का हाथी के साथ साथ घिसटता हुआ रगड़ खाने लगा और उसका पूरा शरीर लहूलुहान
हो गया ।
जब सब लोगो ने यह देखा तो सभी सोच में पड़ गये की
आखिर यह सब कैसे और क्यों हुआ?
आप सब के मन में भी
यह सवाल होगा की आखिर यह सब कैसे हुआ?
दोस्तों पहले जो बच्चा बेफिक्री के आलम में
रहता था, उसे अब चौबीस घंटे यह चिंता सताने लगी कि शाम को मंदिर जाकर दिया जलाना
है और एक सोने सिक्का पाना है।
सोने के सिक्के मिलते ही उसका मन उड़ान भरने
लगा। और सोचने लगा इतने सिक्के होने पर यह करूंगा और इतने होने पर यह होगा......
अटकल की इस गणित ने
चित्त को चित और मन को विचलित कर दिया। हमेशा बिंदास रहने वाला लड़का अब टेंशन में
और उदास रहने लगा। मन और तन का गहरा रिश्ता है, तालमेल बिगड़ा तो एकाग्रता का सारा
खेल भी बिगड़ गया ।
शिक्षा – इस कहानी
से हमे यह शिक्षा मिलती है की success होने के लिए एकाग्रता बहुत जरुरी है| संगठित
और व्यवस्थित व्यक्ति के लिए अपने लक्ष्य और सपने पुरे करना मुश्किल हो सकता है,
पर असंगठित और अव्यवस्थित व्यक्ति के लिए यह नामुमकिन है।
read also
loading...
दोस्तों यदि आपको
हमारी यह कहानी पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे और हमारी नई
पोस्ट को अपने ईमेल पर प्राप्त करने के लिए हमारा फ्री ईमेल सब्सक्राइबर जरुर बने |
यह पोस्ट डॉ. सतीश बत्रा की लिखी बुक जिन्दगी
को कैसे कहे वाह से इंस्पायर्ड है।
No comments:
Post a Comment