मणिबेन पटेल का जीवन परिचय
देश की आजादी में
बहुत सी महान आत्माओं ने योगदान दिया। देश की आजादी में महिलाओं ने भी अपने सक्रिय
भागीदारी निभाई और कई बार जेल भी गई। आज हम एक ऐसी ही नारी की बात कर रहे है जिसने
देश सेवा में अपना योगदान दिया और अपने पिता के कदमो पर चलकर अपना नाम स्थापित
किया।
Maniben patel biography in hindi
प्रारम्भिक जीवन Early life
मणिबेन पटेल का जन्म 3 अप्रैल, 1903 को
गुजरात के करसमद में हुआ था| लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल मणि बेन के पिता थे।
जब वे मात्र 6 वर्ष की थी तब उनकी माताजी का निधन हो गया था। मणिबेन बचपन से ही
अनुशासन प्रिय और भारतमात के प्रति समर्पित थी।
मणिबेन ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा ‘क्वीन मेरी
हाई स्कूल’ से प्राप्त की और उसके बाद 1920 में ‘गुजरात विद्यापित’, अहमदाबाद में
दाखिला लिया| 1925 में उन्होंने स्नातक की पढाई पूरी की। और अपने पिता के साथ रहकर
राजनैतिक गतिविधियों में भाग लेने लगी।
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स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
मणिबेन पटेल बचपन से ही देशप्रेमी थी। जब
ब्रिटेश सरकार ने 1923-24 में बोरसद के किसानो पर अत्याचार शुरू कर दिए और किसानो
पर भारी कर लगा दिए यदि कर जमा नहीं किए जाते तो किसानों की जमीन और सम्पत्ति जब्त
किया जाता था इसके खिलाभ मणिबेन ने हजारो महिलाओं का एकत्रित करके जनसभा आयोजित की
और “No Tax Compaign” को समर्थन देते हुए जोरदार आन्दोलन चलाया। मणिबेन ने इस अभियान में महिलाओं को जागृत करने
के लिए व्यापक प्रयास किए।
सरदार वल्लभ भाई द्वारा चलाये गये 1928 में
वारदोली किसान आंदोलन में भी मणिबेन ने अपने पिता के साथ सक्रिय भूमिका निभाई।
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जेल यात्रा
मणिबेन को अपने आंदोलन की वजह से कई बार जेल
जाना पड़ा। नामक सत्याग्रह के दौरान 1930 में जेल यात्रा की और इसके बाद भी वो 1932-34,
1938-39 और 1940 में भी जेल गई। मणिबेन पटेल “भारत छोडो” आन्दोलन के Time बहुत समय
तक जेल में रही थी।
आजादी के बाद
भारत 1947 में आजाद हो गया। और आजादी के बाद
में मनिबें पटेल को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष बनाया
गया। इन्होने नारियों में जागृति पैदा करने, स्वदेशी वस्त्रों को अपनाने में और
कांग्रेस को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण कार्य किए।
मणिबेन पटेल आजादी के बाद 2 बार 1952 व 1957 में
लोकसभा की सदस्य रही और 1964-70 तक राज्यसभा की सदस्य भी रही।
पुस्तकें
मणिबेन पटेल ने बहुत सी किताबों की रचना की
जिनमे प्रमुख- बापूना पत्रों, सरदारनी सीख, देसी राज आदी।
मणिबेन पटेल ने बहुत संस्थाओं में भी कार्य किया – जिसमे गुजरात विद्यापीठ, नवजीवन ट्रस्ट, बारदोली स्वराज आश्रम ट्रस्ट, सरदार पटेल समाज सेवा ट्रस्ट, नडियाद, कोचरब आश्रम, गुजरात महिला कांग्रेस, अखिल भारतीय खाड़ी ग्रामोद्योग संघ आदि प्रमुख संस्थानों में योगदान दिया।
मणिबेन पटेल आजीवन
अविवाहित रही और देश की सेवा में सक्रिय भागीदारी निभाई। भारत के इतिहास में
मणिबेन पटेल का नाम आदर्श से लिया जाता है वो केवल सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुत्री
होने की वजह से नहीं बल्कि अपने खुद के दम पर अपना नाम स्थापित किया।
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