अच्छी प्रेरणादायी हिंदी कहानी
दोस्तों life में हमारे सामने कई बार ऐसे हालत बन जाते है की हम बिना वजह को जाने गुस्सा करने लगते है या छोटी छोटी बातो पर भी क्रोध करते है और सीधे किसी से झगड़ जाते है. इस तरह गुस्सा करने से हमारे लोगो के साथ relation भी बिगड़ते जाते है. आज हम एक ऐसी ही short story post कर रहे है जिससे आप समझ सकते है की ऐसी हालात में हमे क्या करना है.
एक village में 2 भाई रहते थे रमेश और सुरेश. दोनों आपस में भाई थे लेकिन उनके स्वभाव को देखकर किसी को नहीं लगता था की यह दोनों भाई है. क्योंकि दोनों का स्वाभाव एक दुसरे के विपरीत था. छोटे भाई सुरेश के तो हर किसी के साथ झगड़े होते रहते थे. वो school में, घर पर, खेलते time अपने friends से हमेशा लड़ता रहता था.
लेकिन दूसरी तरफ बड़ा भाई रमेश हमेशा सबसे हिलमिल करता रहता था, उसके किसी के साथ झगड़ा नहीं होता था.
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मामाजी ने सुरेश से पूछा की तुम्हारे सभी के साथ झगड़े क्यों होते है? तो सुरेश ने जवाब दिया की "खाना सही नहीं होता, दोस्त चीटिंग करते करते, वो सही से नहीं बोलता, उसने मेरी बात क्यों नहीं मानी?, आज घर में मेरी पसंद का खाना क्यों नहीं बना? " ऐसी ढ़ेरो शिकायत उसने सुना दी.
जब मामा ने रमेश से पूछा की तुम्हारे किसी के साथ झगड़ा क्यों नहीं होता तो रमेश ने जवाब दिया कि -"जब भी ऐसी हालात बनती है तो मैं अपने आप को सामने वाले की जगह रख कर देखता हूँ तो सारी समस्या का हल मिल जाता है."
moral
दोस्तों सुरेश की तरह हम भी हालात को जाने बिना और सामने वाले की मजबूरी को जाने बिना छोटी छोटी बातों पर गुस्सा करने लगते है. और हमारा स्वाभाव भी इसी तरह का बन जाता है. इसलिए जब भी ऐसी कोई हालत बने तो अपने आप को सामने वाले की जगह पर रख कर देख लेना आपका गुस्सा शांत हो जाएगा.
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