Friends इस दुनिया मे सब Success होना चाहते है लेकिन क्या आप जानते है Success होने के लिए क्या जरूरी है ?
Success होने के लिए self confidence कैसे आवश्यक है ?
Self Confidence से क्या हो सकता है ?
आप के इन सभी प्रश्नो के उत्तर छिपे है इस कहानी मे तो आप यह Story carefully read किजिए आपको अपने all questions के answers मिल जाऐंगे ।
Power Of Self Confidence
एक समय की बात है । एक राजा पर किसी दूसरे राजा ने हमला बोल दिया । जिस राजा ने हमला किया वो बहुत Powerful था। सेनापति ने राजा को Advice दी कि - महाराज! आत्मसमर्पण (surrender ) कर दीजिए क्योंकि सामने वाली Army हमसे दुगुनी है। शस्त्र और हथियार भी अपने से ज्यादा Fast है। वे ज्यादा प्रशिक्षित सैनिक ( Trained soldier ) है ।
राजा को भी लगा कि सेनापति ( Commander ) ठीक कह रहा है, जब सेनापति ही ठंडा पड रहा है तो अपनी बंदूक किसके उपर रखेगा? आत्मसमर्पण की बात आ गई राज्य मे ढिंढोरा पीट दिया गया कि surrender कल सुबह होगा । तभी साँझ को एक संत आए । संत ने राजमहल मे खडे होकर कहा - महाराज , यह मै क्या सुन रहा हूँ कि आप आत्मसमर्पण कर रहे है ? मरने से पहले मर रहे है आप।
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राजा ने कहा - आप कहना क्या चाहते है?
संत ने कहा - राजन्! मै अभी अभी देवी के मंदिर से आ रहा हूँ । देवी ने मुझे आशीर्वाद दिया है और कहा कि जाओ , राजा से कह दो कि मेरा आशीर्वाद तेरे साथ है । तू लडाई कर , युद्ध मे विजय तेरी होगी ।
राजा ने सोचा कि यह देवी के आशीर्वाद का प्रसंग कहा से आ गया?
राजा संत से बोले - क्या सबूत ( Evidence ) है आपके पास कि आप देवी का आशीर्वाद लेकर आये हो , कही मै मारा गया तो? कही यह सेना पीछे हट गई तो? राजा ने जैसे ही आशंका जताई कि सेनापति ने भी अपनी तरफ से comment किया ।
संत ने कहा - ठहरो, मेरे पास एक सिक्का ( coin ) है अभी वो सिक्का उछाल कर देख लेते है। अगर सिक्का सीधा गिरा तो तुम जितोगे और अगर सिक्का उल्टा गिरा तो तुम हारोगे ।
बात पक्की हो गई । संत ने हाथ सीधा जेब मे डाला और सिक्का निकाल कर सिक्का आसमान मे उछाला। सिक्का जैसे ही जमीन पर गिरा तो संत ने ताली बजा दी और कहा कि देखो , सिक्का सीधा गिरा है।
Commander ने कहा - भले ही coin सीधा गिरा हो पर मै सहमति नही रखता उस सामने वाले से मुकाबला करने के लिए।
संत ने गरजकर कहा - हट रे सेनापति! बुजदिल कही का । अरे तेरे भरोसे कोई युद्ध जीते जाएँगे?
कायरता और नपुंसकता के सहारे कोई लड़ाई जीती जा सकती है?
हटो! मै बनता हूँ सेनापति, आओ हम लोग युद्ध के लिए रवाना होते है ।
राजा ने पूछा - आप तो संत हो , आपने तलवार कभी हाथ मे उठाई भी है ?
संत ने कहा - इसका निर्णय युद्ध के मैदान मे होगा ।
संत को सेनापति बना दिया गया संत चढ गया रथ पर । गुल्ली डंडा भी खेलना आता नही होगा , पर जोश जगा दिया सेना मे और निकल पडी सेना कि देवी का आशीर्वाद साथ मे है । अब तक तो सेनापति की बुजदिली साथ मे थी ।
सेना रणक्षेत्र मे पहुंची भी नही थी कि संत ने कहा - ठहरो , मै देवी के मंदिर मे यज्ञ कर लेता हूँ , पूजा अनुष्ठान कर लेता हूँ और फिर तुम लोगो को बता देता हूँ कि यहाँ पर भी देवी का आशीर्वाद क्या है ? बस उसने यज्ञ किया । फिर उसने वही सिक्का निकाला। सेना पुरी उत्सुकता से तैयार होगा गई , सिक्का उछाला गया और जैसे ही सिक्का आ कर गिरा , सिक्का सीधा गिरा और पूरी सेना मे जोश जंग गया किया देवी भी हमारे साथ है , सारे देवता भी हमारे साथ है।
सभी युद्ध के मैदान मे पहुंच गए, सामने इतनी भयंकर सेना को देखकर, एक बार तो सभी काँप गए । संत को भी लगा कि शायद कुछ गडबड हो रहा है।
उसने कहा - ठहरो, एक बार फिर सिक्का उछालकर देख लेते है ताकि मन की शंका निकल जाए और उसने युद्ध के मैदान मे फिर सिक्का उछाला । सिक्का फिर सीधा गिरा। जैसे ही सैनिको ने देखा कि अब भी देवी माँ का आशीर्वाद हमारे साथ है, सेना मे चार गुनी ताकत आ गई और भिड़ पड़े ।
उसने कहा - ठहरो, एक बार फिर सिक्का उछालकर देख लेते है ताकि मन की शंका निकल जाए और उसने युद्ध के मैदान मे फिर सिक्का उछाला । सिक्का फिर सीधा गिरा। जैसे ही सैनिको ने देखा कि अब भी देवी माँ का आशीर्वाद हमारे साथ है, सेना मे चार गुनी ताकत आ गई और भिड़ पड़े ।
लोग समझ रहे थे महीनो युद्ध चलेगा पर सूर्यास्त नही हुआ । उसके पहले जीतकर लौट आए ।
संत की जय जयकार होने लगी । संत वापस आया और राजा का अभिवादन किया । राजा ने कहा - सब देवी माँ की कृपा है ।
संत ने कहा - राजन् ! यह देवी माँ की कृपा से ज्यादा सैनिको के भीतर आत्मविश्वास ( Self Confidence ) और जोश का Results है ।
संत ने कहा - राजन् ! यह देवी माँ की कृपा से ज्यादा सैनिको के भीतर आत्मविश्वास ( Self Confidence ) और जोश का Results है ।
राजा बोले - तुम कहना क्या चाहते हो ?
संत ने जेब मे हाथ डाला , सिक्का निकाला, फिर उछाला, सिक्का सीधा आकर गिरा । संत ने राजा से कहा - राजन्! सिक्का लो हाथ मे और उछालो । राजा ने सिक्का सीधा गिरा । राजा ने सैनिको को सिक्का दिया उन्होंने भी उछाला तो भी सिक्का सीधा गिरा । सब लोग भौचक्के रह गए ।
संत ने रहस्य ( secret) खोला और कहा - सिक्के को जब भी गिराओगे यह सीधा ही गिरेगा क्योकि इसमे उल्टे वाला भाग है ही नही ।
इधर भी सीधा है और उधर भी सीधा है , अब तुम उल्टा लाओगे कहाँ से ।
शिक्षा Moral
सफलता ( Success ) का एक ही secret है अपना सिक्का हमेशा सीधा रखो । अर्थात हमेशा कैसी भी समस्या हो confidence के साथ उसका सामना करना चाहिए । Success होने के लिए self confidence बहुत जरूरी है ।
सफलता ( Success ) का एक ही secret है अपना सिक्का हमेशा सीधा रखो । अर्थात हमेशा कैसी भी समस्या हो confidence के साथ उसका सामना करना चाहिए । Success होने के लिए self confidence बहुत जरूरी है ।
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