प्रेरणादायी कहानी - सच्चा दोस्त hindi motivational story


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एक गाँव में एक रामलाल नाम का किसान रहता था उसके एक राज नाम का बेटा था. किसान पुरे दिन खेत पर कठिन मेहनत करता और अपना घर चलाता था. वह हाड तोड़ मेहनत करके भी अपने बेटे को अच्छी शिक्षा दिलाई.

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 पढाई पूरी करने के बाद राज कोई काम नहीं करता था वह न तो खेत पर अपने पिताजी की मदद करता और न हिन् कोई दूसरा काम करता. राज पुरे दिन अपने दोस्तों के साथ घूमता रहता था. राज के बहुत से धनी लडके friends थे जिनके पिताजी अच्छी position पर थे. वे सभी दोस्तों पुरे दिन घूमते और रात को party करते रहते थे. राज भी अपने उन दोस्तों के साथ दिन-रात मस्ती करता और घूमता रहता था.
किसान ने अपने बेटे को बहुत समझाया की कोई काम धंधा करले यह दोस्त मतलब के है कोई संकट में काम नहीं आयेगा.
लेकिन राज कहता रहता था कि उसे कमाने की क्या जरूरत है उसके सभी दोस्त बहुत पैसे वाले है, कोई भी दोस्त उसकी मदद कर देगा और आपके तो कोई दोस्त है नहीं आप क्या समझो की दोस्ती क्या होती है?



किसान ने कहा ठीक है हमे दोस्ती का मतलब पता नहीं है, तुझे तेरे इन दोस्तों पर बहुत भरोसा है तो आज मुझे 10 हजार रुपये लाकर दे.
बस दस हजार ! ‘राज ने हंसते हुए कहा’
‘हां! दस हजार’ 

राज आनन फानन अपने दोस्तों के पास गया और कहा की उसे 10 हजार रूपये की सख्त जरूरत है.
एक दोस्त ने कहा की उसके पास 10 हजार रूपये थे लेकिन एक दोस्त को उधार दे दिया.
दुसरे धनी दोस्त ने कहा की इतने पैसे तो नहीं है.
इस तरह सभी दोस्त कोई न कोई बहाना बनाकर वहाँ से निकल लिए. राज निराश होकर खाली हाथ वापिस घर आ गया.
किसान ने कहा चलो आज रात में तुम्हे अपने मित्र से मिलाता हूँ.
किसान अपने लडके को लेकर रात के 12 बजे अपने दोस्त के घर का दरवाजा बजाया तो अंदर से किसी ने पूछा ‘कौन?’
‘मैं रामलाल’ किसान ने कहा
किसान के मित्र ने एक हाथ में तलवार और दुसरे हाथ में एक पोटली लेकर दरवाजा खोला और बोला ‘बोल मित्र क्या काम है?’
किसान ने कहा मित्र पहले तू यह बता यह तलवार और पोटली क्यों?
किसान के मित्र ने कहा कि “मेरे मित्र ने रात को दरवाजा बजाया है इसका मतलब है वो किसी न किसी मुसीबत है और मुसीबत दो तरह की हो सकती है. यदि तुझे धन की जरूरत है तो इस पोटली में गहने है उसे तू ले जा और यदि कोई झगड़ा हुआ है तो तलवार लेकर मै तेरे साथ चलता हूँ.”

यह सुनकर पास में खड़े राज की निगाह शर्म से झुक गई और उसे अपनी गलती का अहसास भी हो गया.



moral
   friends किसी ने सच कहा है कि “ table पर साथ बैठने के लिए तो लाखो तथाकथित दोस्त मिल जायेंगे लेकिन जरूरत होने पर जो आपके माँ-बाप को खून देने के लिए आ जाए, वो ही आपका वास्तविक दोस्त होता है”
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