dr sarvepalli radhakrishnan biography in hindi
दोस्तों India में 5 september teachers day ले रूप में मनाया जाता है| हम 5 september को teachers day के रूप में इसलिए मनाते है क्योंकि इस दिन देश के महान अध्यात्मिक राजनेता और india के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था और उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस घोषित किया गया है|
आज हम देश के उस महान व्यक्ति की जीवनी पोस्ट कर रहे है| डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन हमारे लिए प्रेरणादायी और अनुकरण करने योग्य है|
Early life and Education
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 september, 1888 को तमिलनाडू के तिरुतनी नामक गाँव में हुआ था| उनकी family धार्मिक विचारों वाली थी और इसका प्रभाव भी उन पर बहुत पड़ा|उन्होंने अपनी primary और माध्यमिक शिक्षा तिरुपति के मिशन स्कूल तथा बेलौर कॉलेज से हासिल की थी| dr radhakrishnn ने 1905 में मद्रास के क्रिश्चियन कॉलेज में प्रवेश लिया और यही से बी.ए और एम.ए की डिग्री प्राप्त की थी|
डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन को संस्कृति और कला से बहुत लगाव था और वे सभी धर्मो का आदर करते थे| वे मानवता के पुजारी थे उनका कहना है - " ,मानव का दांव बनना उसकी हर है, मानव का मानव बनना उसकी जीत है|"
डॉ राधाकृष्णन 20 सदी के वैज्ञानिक युग में अपने अध्यात्मिक दर्शन से संसार को विमुग्ध किया|
जीवन में कार्य
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कई नेशनल और international संगठनो का नेतृत्वकिया | वे 1909 में मद्रास के कॉलेज में Teacher बने और बाद में मैसूर और कलकत्ता के विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र के प्रोफ़ेसर के रूप में भी कार्य किया| राधा कृष्णन ने आन्ध्र विश्वविद्यालय और काशी विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में भी कार्य किया और वे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर भी रहे थे|डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1952-62 तक इंडिया के उपराष्ट्रपति बने और 1962 में वे india के राष्ट्रपति बने और उन्होंने 1967 तक इस पद पर ईमानदारी से कार्य किया|
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन में लोगो को अपने विचारों और भाषण से लोगो को प्रभावित करने की अनोखी प्रतिभा थी| जब वे देश के राष्ट्रपति थे तब 1962 में चीन से तथा 1965 में पाकिस्तान से युद्ध हुए थे और उन्होंने अपने ओजस्वी तथा प्रेरक भाषणों से देश के सैनिको का मनोबल बढ़ाया|
वे भगवतगीता के कर्मयोग के सच्चे कर्मयोगी थे| वे भारतीय संस्कृति और कला के प्रेमी थे| वे उदारता, मानवता, ईमानदारी के प्रतिमूर्ति थे|
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उपाधियाँ और पुरस्कार
डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन को देश-विदेश के बहुत से विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधियाँ प्रदान की थी|उनको भारत सरकार ने देश के सबसे बड़े सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया|
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पुस्तकें
डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन ने बहुत सी किताबे लिखी उनमे से प्रमुख है -- द फिलोसोफी ऑफ़ द उपनिषद्स
- ईस्ट एंड वेस्ट-सम रिफ्लेक्शन्स
- ईस्टर्न रिलीजन एंड वेस्टर्न थॉट
- इंडियन फिलोसोफी
- एन आइडियलिस्ट व्यू ऑफ़ लाइफ
मृत्यु
डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन ने अपने पुरे जीवन काल में लोगो को ज्ञान से आलोकित किया तथा उन्होंने मानवता और ईमानदारी का परिचय देते हुए लोगो को प्रेरित भी किया|इस महान व्यक्ति के जन्म दिवस को आज हम teachers डे के रूप में मनाते है| क्योंकि वे एक शिक्षक से राष्ट्रपति बने और उनका मानना था की शिक्षक ही है जो देश की भावी पीढ़ी को सुधर सकता है|
इस महान आत्मा का 16 अप्रैल, 1975 को निधन हो गया लेकिन उनके आदर्श और विचार आज भी हमे प्रेरित करते है|
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आपने बिल्कुल सही कहा डा़ साहब एक शिक्षक होने के साथ महान शिक्षा शास्त्री भी थे । उनके समाज के विकास मे किए गए योगदान के लिए हम सब उनके आभारी है। डा.साहब के जीवन परिचय को शेयर करने के लिए धन्यवाद विरम जी ।
ReplyDeleteVery good sir
ReplyDeleteIndia is a great dr s.r.k
ReplyDeleteवास्तव में प्रतिभा के धनी थे पूज्य डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी हम सब उनके सदैव आभारी रहेगे
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