तपते रेगिस्तान में
कामणगारी लू से अठखेली करती
खड़ी है खेजड़ियाँ
लम्बे पाँवो के सहारे,
वैसे ही
दीपक सा टिमटिमा रहा हूँ
मैं भी
यादों के तेल के सहारे....
college life जब खत्म होती है और हम सब मुसाफ़िर बन अपनी मंजिल की खोज में निकल पड़ते है, अनजानी राहों पर...
उन राहों पर चलते-चलते जब पुराने साथी मिलते है तो बीते दिनों की यादें जहन में आ ही जाती है... उन यादों में छुपी होती है कुछ ऐसी कहानियाँ जो दिल के बहुत करीब होती है..
ऐसी एक कहानी जो मेरे और मेरे साथियों के दिलों-दिमाग में छाई हुई है , जब भी मिलते तब उस दिन का जिक्र जरुर होता है...
आज आपको उस दिन या यों कहे की उस रात की बातें बतानी है जिस समय हमें लोगों की सही पहचान हुई थी...
इस कविता को पढने से पहले इस लेख को पढ़ लें...
वनशाला शिविर के अनुभव
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.....
एक रात की बात तुम्हें बतानी है,
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
जो उन्होंने कहा वो बताना है,
जो हमने सहा वो बताना है.
जहन में अब भी है वो दिन,
रात के बजे थे यही कोई तीन.
प्राची से नया दिन निकलने वाला था,
किन्तु, यहाँ अपना सूरज डूबने वाला था.
थी सब जगह हिमालय सी शांति छाई,
कुछ वक्त पहले यहाँ आंधी थी आई.
उस आंधी की बात बतानी है,
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
बन शिव के गण हमने तांडव किया,
दो दिन से थे बंधे, आज खुल के आनन्द लिया.
इसी बात पर उनकी हम से ठन गई,
साहिबाओं की भौंहे हम पर तन गई.
नालायक, बदचलन, क्या-क्या नहीं कहा;
हमसे पूछो, हमने क्या-क्या नहीं सहा.
जो हमने भोगे, उन दुखों की कहानी है,
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
ऐसे-वैसे भी हमें भगवत् गीता सुनाने लगे,
बीन पेंदे के लोटे, हमें बदचलन बताने लगे.
थे हम भी अचल,
अपनी बात पर अटल.
किन्तु कुछ साथी दगा दे , अपनी औकात दिखा बैठे;
बीच भंवर में छोड़, अपनी जात दिखा बैठे.
कोई साथ होकर भी पीठ दिखा गया,
कोई साथ न होकर साथ आ गया.
हमें मिले उस धोखे की कहानी है,
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
थे वो हमें निकालने वाले,
लगा हम है डूबने वाले.
तभी किसी का साथ मिला,
डूबते को तिनका नहीं, एक हाथ मिला.
जो कभी हमें लगती थी चण्डिका,
आज वो हमें लगी अपनी दादी माँ.
क्लास में गोलू गाथा सुनाती थी,
कभी-कभी पंजाबी में डांट पिलाती थी.
आज वो सबसे लड़ गई,
हमें बचाने अकेली भीड़ गई.
उस दादी मां की बातें बतानी है,
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
जो उन्होंने कहा वो बताना है,
जो हमने सहा वो बताना है.
जहन में अब भी है वो दिन,
रात के बजे थे यही कोई तीन.
प्राची से नया दिन निकलने वाला था,
किन्तु, यहाँ अपना सूरज डूबने वाला था.
थी सब जगह हिमालय सी शांति छाई,
कुछ वक्त पहले यहाँ आंधी थी आई.
उस आंधी की बात बतानी है,
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
बन शिव के गण हमने तांडव किया,
दो दिन से थे बंधे, आज खुल के आनन्द लिया.
इसी बात पर उनकी हम से ठन गई,
साहिबाओं की भौंहे हम पर तन गई.
नालायक, बदचलन, क्या-क्या नहीं कहा;
हमसे पूछो, हमने क्या-क्या नहीं सहा.
जो हमने भोगे, उन दुखों की कहानी है,
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
ऐसे-वैसे भी हमें भगवत् गीता सुनाने लगे,
बीन पेंदे के लोटे, हमें बदचलन बताने लगे.
थे हम भी अचल,
अपनी बात पर अटल.
किन्तु कुछ साथी दगा दे , अपनी औकात दिखा बैठे;
बीच भंवर में छोड़, अपनी जात दिखा बैठे.
कोई साथ होकर भी पीठ दिखा गया,
कोई साथ न होकर साथ आ गया.
हमें मिले उस धोखे की कहानी है,
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
थे वो हमें निकालने वाले,
लगा हम है डूबने वाले.
तभी किसी का साथ मिला,
डूबते को तिनका नहीं, एक हाथ मिला.
जो कभी हमें लगती थी चण्डिका,
आज वो हमें लगी अपनी दादी माँ.
क्लास में गोलू गाथा सुनाती थी,
कभी-कभी पंजाबी में डांट पिलाती थी.
आज वो सबसे लड़ गई,
हमें बचाने अकेली भीड़ गई.
उस दादी मां की बातें बतानी है,
वो कहानी आज तुम्हें सुनानी है.
फिर,
हमने देखा मैडम की आँखे लायी पानी थी,
बस उसी वक्त हुई हमें ग्लानि थी.
बात न बढ़े ये हमने ठान ली,
न चाहते हुए भी हमने भूल मान ली.
था हमें मैडम पर विश्वास,
उन्होंने टूटने नहीं दी आस.
उन्होंने भी दे दी हँसते-हँसते माफ़ी,
अपने लिए बस इतना ही था काफ़ी.
हमने देखा मैडम की आँखे लायी पानी थी,
बस उसी वक्त हुई हमें ग्लानि थी.
बात न बढ़े ये हमने ठान ली,
न चाहते हुए भी हमने भूल मान ली.
था हमें मैडम पर विश्वास,
उन्होंने टूटने नहीं दी आस.
उन्होंने भी दे दी हँसते-हँसते माफ़ी,
अपने लिए बस इतना ही था काफ़ी.
ये उस रात की कहानी है,
वो कहानी आज तुम्हे सुनानी है...
उस रात की हकीकत तुम्हें बतानी है...
विरम सिंह सुरावा
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INSTAGRAM - @musafir_rahon_ka
जैसे जैसे इन पंक्तियों को पढ़ा है, वैसे वैसे वो पल सचित्र ज़हन में आ गए।
ReplyDeleteकविता में आपके द्वारा भावों को सहज रूप से पिरोना अत्यधिक रोचक एवं सदैव प्रशंसनीय है।
हृदयग्राही मित्र आपकी लेखनी ने हमारा दिल जीत लिया।
ReplyDeleteगजब उस रात की व्यथा को शब्दों में पिरोना।
कमाल की लेखनी
ReplyDeleteआआपकी लेखनी ने दिल जीत लिया
Do you mind if I quote a few of your articles as long
ReplyDeleteas I provide credit and sources back to your blog? My blog is
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nice your article sir
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ReplyDeletenice information
ReplyDeleteमहान पद। मुझे आपकी सामग्री और जिस तरह से आप सब कुछ समझाते हैं वह वास्तव में पसंद है। आपकी आने वाली पोस्ट का इंतज़ार रहेगा
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