Hello friends
27 सितंबर को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप मनाया जाता है । आज इस पर्यटन दिवस के मौके पर 3 प्रसिद्ध यात्रीयो के अनमोल कथन प्रस्तुत कर रहे है ।
आपको हमारी यह post जरूर पसंद आएगी ।
मार्को पोलो के कथन
जो कुछ मैने देखा है उसका आधा भी बयां नही किया है , क्योंकि मै जानता हूँ कि मेरी बातों पर विश्वास नही किया जाएगा ।
लोग वही शब्द सुनते है जिनकी वो उम्मीद करते है । कहानी का असर कहने वाले के शब्दो पर नही, सुनने वाले के कानो पर निर्भर करता है ।
इस बात से कोई फर्क नही पडता कि आप कितना धीमे चल रहे है, जब तक कि आप चलते रहे ।
मेरा सबसे बुरा सपना यह ही है कि एक दिन मै नींद से जागूं और मुझे फिर से सामान्य जीवन जीना पडे ।
क्रिस्टोफर कोलंबस के कथन
समुद्र हर आदमी को एक नया सपना देखने का साहस देता है कि जब आँख खुलेगी तो किनारा सामने होगा ।
अगर आप सूरज की रोशनी का पीछा करेंगे तो पुरानी अंधेरी दुनिया पीछे छूट जाएगी ।
अज्ञात स्थानो पर पहूँच ने मे कोई नक्शा, कोई गणित और होशियारी काम नही आती है ।
धन इंसानो को अमीर तो नही , लेकिन व्यस्त जरूर बना देता है ।
किसी की मदद करने के लिए किसी उद्देश्य का होना जरूरी नही है । इसके लिए दिल से इच्छा होनी चाहिए ।
इब्न बतूता के कथन
यात्राएँ आपको निशब्द बना देती है। मूक कर देती है , लेकिन इनसे आप आखिर मे कहानीकार बन जाते है ।
यात्राएँ अजनबी स्थानो पर आपका घर बना देती है । लेकिन आप अपने घर मे अजनबी हो जाते है ।
जो लोग ज्यादा जीवित रहते है वो बहुत देखते है और जो ज्यादा यात्राएँ करता है वो बहुत कुछ देखता है ।
आपको हमारी यह post कैसी लगी comments करके जरूर बताय और अपने दोस्तो के साथ जरूर share करे ।
बहुत ही सुन्दर एवं सार्थक पोस्ट !
ReplyDeleteधन्यवाद साधना दीदी
ReplyDelete