माँ पर भाषण | best speech on mother's day

mother's day speech in hindi


दोस्तों इंडिया समेंत कई देशों में मई के दुसरे रविवार को mother's  day  के रूप में मनाया जाता है.  माँ के सम्मान के लिए और mother's day के मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है.
 mother's day 13 may 2018 
आज हम इस पोस्ट में mother's day पर बोला जाने वाला speech पोस्ट कर रहे है. जिसको आप mothers 'day पर बोल सकते है...

mother's day speech

मदर डे इमोशनल स्पीच


खुदा दुनिया का मालिक है, दुनिया माँ की पैदाइश, खुदा को खुदा कहूँ या माँ को खुदा कहूँ ?
हमने सुना है, खुदा है, खुदा ने सुना नहीं , कौन कहता है आज तक माँ ने सुना नहीं ?

दोस्तों "माँ" शब्द अपने आप में पूर्ण है, इसके बोलने से मन में अपार शांति और सुख का अनुभव होता है. आप कल्पना कीजिए जिस के नाम में इतनी महानता है तो उसमें कितनी महानता होगी?  इस संसार में हमारा पहला दोस्त, पहला गुरु माँ ही होता है. माँ से बढ़कर इस दुनिया में दूसरा कोई नहीं है..

जब हम इस दुनिया में आये थे तब अकेले  और इस दुनिया से अनजान थे, हमे ना खाना- पीना आता था, न उठना-बैठना,  ना बोलना और न ही चलना आता था  वो माँ ही थी जिसने हमे बोलना सिखाया और  दुनिया से परिचय करवाया.

जिसने अपना दूध पिलाया और खुद गीले में सोकर हमे सूखे में सुलाने वाली माँ ही है.
दोस्तों छोटे से पत्थर को हम चंद दिनों तक अपने पेट में नहीं रख सकते किन्तु माँ ने हमे 9 महीनों तक अपने पेट में रखा.  बिना हमारा चेहरा देखे, बिना यह जाने की लड़का है या लड़की, गोरा है या काला, लुला है या लंगड़ा हमसे निस्वार्थ और निच्छल भाव से हमसे प्यार किया.

9 महीनों तक माँ ने हमे अपने खून से सींचा और हमे पोषण दिया उन 9 महिने हजारों दुखों को माँ हँसती हंसती  सह गई. पेट में जब हम लात मरते थे तो माँ गुस्सा करने की बजाय इसको सुखद अनुभव मानती थी.उसे इसमें अपने बच्चे का प्यार नजर आता था.
हमे इस दुनिया में लाने के लिए माँ  कई तकलीफों का सामना करती है और उनसे लडती हुई हमे संसार में लाती है.

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हमारे लिए इस संसार में सब न्य होता है और न ही हम सक्षम होते है की हम अपना काम कर सके तब माँ ही होती है जो हमारा लालन पालन करती है. माँ ही है जिसने हमारे लिए कई कई राते जागते हुए गुजारी है, वो माँ ही होती है जो बच्चे की सिर्फ एक आह पर सिहर जाती है.

मदर डे पर निबंध


जब हमे नींद नहीं आती तो माँ लोरी सुनाती है, जब तक खाना न खा ले तब तक भूखी-प्यासी हमारे आगे पीछे दौडती रहती है... हमारे मुस्कुराने पर मुस्कुराती है, हमारी दर्द में खुद रो देती है, कुछ शरारत करे तो मारती भी है और फिर खुद ही गोद में लेकर सहलाती है.

दोस्तों माँ का हम पर बहुत बड़ा कर्जा होता है जो हम ताउम्र नहीं चूका सकते है. वो तो माँ ही है जो घर में खाने को कुछ न होने पर खुद भूखी रहकर अपनी सन्तान को भोजन कही  से लाकर करवाती है.
माँ वो देवी है जो हमेशा अपनी सन्तान का भला चाहटी है और जो अपनी सन्तान के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाती है.

दोस्तों जब हम छोटे थे तब कभी यदि हमे छोटी सी भी चोट लग जाती थी तो हमसे ज्यादा दर्द माँ को होता था. वो बहते हुए खून को रोकने के लिए अपने पल्लू को पट्टी बना देती थी.

दोस्तों माँ की गुणगाथा लिखने के लिए लाखों शब्द कम पड़ जाते है माँ की गोद के लिए तो भगवान भी लालायती रहते है . माँ तो ममता की मूरत है, माँ से बढकर इस दुनिया में कोई नहीं है,

दोस्तों इस मदर्स डे पर मैं अपनी माँ के लिए इतना कहना चाहूँगा की -

  माँ  मैं तो मिट्टी का ढेला  था  तू ने ही मुझे मूरत बनाया....

देख ले जिन्दगी तेरा यह वार भी खाली गया ....
माँ ने हाथ फेरा , मेरा हर दर्द मिट गया ....

माँ को सादर प्रणाम
धन्यवाद

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4 comments:

  1. बैठना तो भाइयों के Sath चाहे बैर ही क्यों ना हो,
    खाना तो माँ के हाथ का ही चाहें जहर ही क्यों ना हो

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  2. सच्ची भावनाओं की प्रस्तुती।नमन

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  3. nice article.i like it.thanks for posting.
    SAFED DAG KA ILAJ

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