ये मंजिल कैसे मिलेगी? Best motivational poem in hindi

युवाओ के लिए प्रेरणादायी कविता

ये मंजिल कैसे मिलेगी?

motivational poem


ये मंद मंद गति क्यों?
ये अलसाई सी अंगड़ाई क्यों?
किसकी आस में तुम बैठे हो,
राह किसकी तुम देखते हो।

क्यों हवा में महल बनाते हो?
क्यों सपनों मे ही खोते हो?
हाथ मलोगे, जब   सुबह होगी,
क्यों जीवन ऐसे गंवाते हो?

शल्य बने बैठे है जग में,
रथ धंसा देंगे जमीं में।
बना निहत्था तुझे,
मस्तक कौन्तेय से कटवा देंगे।

जब बाण चढ़े थे गांडीव पर,
तब हक पांडवो को मिला था।
बढा हाथ जब धनु को,
तब सिन्धु कदमों  में पड़ा था।

न पाँव जमीं पर न हाथ धनुष पर,
ये विजय तुम्हे कैसे मिलेगी?
मांगे न भीख मिलती,
ये मंजिल तुम्हे कैसे मिलेगी?

viram singh poem





विरम सिंह सुरावा


ओर कविताएँ 




आपको हमारी यह कविताएँ पसंद आये तो इसे social media पर शेयर जरुर करे .. और यह कविताएँ कैसी लगी आप कमेंट्स करके जरुर बताएं...

3 comments:

  1. Osm and very Inspirational poem hukm

    ReplyDelete
  2. ब्लॉग बुलेटिन टीम की और मेरी ओर से आप सब को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट की हार्दिक शुभकामनाएं|


    ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 08/11/2018 की बुलेटिन, " गोवर्धन पूजा और अन्नकूट की हार्दिक शुभकामनाएं “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    ReplyDelete