कविता
उस दिन आसमां भी बिलखा होगा,
जब सीमा पर जवान शहीद हुआ होगा ।
अस्ताचल को जाता भानू भी ठिठका होगा,
जब डोली मे बैठी बहना को शहीद भाई का मुँह दिखाया होगा ।।
आँगन मे बैठी बुढ़ी माँ का आँचल भी दुध से भीग गया होगा ,
जब शहीद जवान बेटे की देह को सीने से लगाया होगा ।।
काल भी अपने किए खोटे काम पर पछताया होगा ,
जब मेंहदी वाले हाथो ने अपनी माँग को मिटाया होगा ।
यमलोक में यमदेव भी चुपके चुपके बिलखे होंगे ,
जब दुध पीते बेटे ने शहीद पिता को अग्नि दी होंगी ।
उस दिन आसमां भी बिलखा होगा ,
जब सीमा पर जवान शहीद हुआ होगा ।
विरम सिंह सुरावा
उस दिन आसमां भी बिलखा होगा ,
ReplyDeleteजब सीमा पर जवान शहीद हुआ होगा ।
बहुत बढिया प्रस्तुति।
धन्यवाद जी
ReplyDeleteबहुत ही। acchi पोस्ट ।।।
ReplyDeleteधन्यवाद इन्द्र सिंह जी
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