कठुआ रेप केस क्या है? Rape क्यों हो रहे है और जिम्मेदार कौन है?

What is  Kathua Rape and murder Case


दोस्तों भारत एक ऐसा देश है जिसमे नारी को देवी का रूप माना जाता है. और भगवान से बढ़कर महिलाओं को सम्मान दिया जाता रहा है. परन्तु आज समाज में कुछ ऐसे लोग आ गये है जिन्होंने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है.


जिस देश को देवी का स्वरूप मानते है उसमे बलात्कार जैसे घिनौने कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है और यह भेडिये मासूम कलियों को भी नहीं बक्श रहे है.

अभी हाल में जम्मू&कश्मीर से एक मामला सामने आया है जिसमे एक आठ साल की मासूम के साथ 6 लोगों ने लगभग आठ दिनों तक घिनौना काम किया . आज मे इस पोस्ट में इसी को लेकर बताने वाला हूँ कि पूरा मामला क्या है? अपराधी कौन है? और इस सबके लिए जिम्मेदार कौन है?

rape case in hindi

what is the case? कठुआ रेप केस क्या है?

 यह पूरा मामला 17 जनवरी 2018 को सामने आया जब एक आठ साल की बच्ची के शव को पुलिस ने बरामद किया. जिसमे बाद में पता चला की यह body आसिफा की है जो की 10 जनवरी 2018 लापता हो गई थी.
डॉक्टर्स की रिपोर्ट के अनुसार बच्ची के सामूहिक रूप से rape किया गया और इसको आठ दिनों तक भूखा रखा गया. इसके साथ ही बच्ची को नशीली दवाईयाँ भी दी जाती थी जिससे लड़की शांत रहे और मामला सामने न आये.

इस सब काण्ड के पीछे mastermind सांझी राम है और उसके साथ उसका पुत्र विशाल, उसका भतीजा, परवेश वर्मा और दो पुलिस officers - दीपक खजुरिया और सुरेंदर कुमार. और इस केस के सबूतों को मिटाने में हेड कांस्टेबल तिलक राज और सब इंस्पेक्टर  आनंद दत्ता ने भूमिका निभाई.  इन सभी आठ लोगों को अब पुलिस गिरफ्तार कर लिया है.

बच्ची को अगवा करने में सांझी राम के नाबालिक भानजे ने अहम भूमिका निभाई और इसी ने अपने ममेरे भाई विशाल को मेरठ से फ़ोन पर यह कहा  की "तुम भी आ जाओ, अपनी हवस को शांत करने." जम्मू बुलाया और उन्होंने बच्ची के साथ rape किया .

इस पुरे काण्ड के बारे में सोचकर ही हृदय दहल जाता है और इसके बारे में लिखना भी बहुत मुश्किल है . इन लोगों ने मानवता को ताक पर रख कर कुत्तो की तरह बच्ची को आठ दिनों तक नोचा.

जब यह लोग बच्ची को मारने जा रहे थे तो पुलिस ऑफिसर्स दीपक खजुरिया ने कहा -"रुको, मे अभी एक बार ओर इसके साथ rape करना चाहता हूँ." और फिर इन लोगों ने अपनी हवस को शांत किया. आप इस बात से अनुमान लगा सकते है कि इन लोगो की कैसी मानसिकता रही होगी. 
इन हैवानो ने फिर उस को पत्थरों से उसकी हत्या कर दी.

नारी देवी तो देवी का अपमान क्यों
तो जिन्दा हो तुम

मामले को धार्मिक रूप देना

        इस मामले के सामने आते ही राजनैतिक लोग अपनी रोटियां सेकने के लिए पुरे काण्ड को धार्मिक रूप देने में लग गये. लेकिन यह बात समझना बहुत जरुरी है कि "बेटी तो बेटी होती है फिर चाहे वो हिन्दू की हो या मुसलमान की."

आसिफा मुस्लिम फैमिली से है पर वो तो आठ साल की थी उसे तो न अपने दाएं -बाएँ हाथ का पता था न ही धर्म का पता था. उस मासूम के साथ जो हुआ उससे ज्यादा घिनौना कार्य कुछ भी नहीं हो सकता.


जिम्मेदार कौन ?

  देश में आये दिन ऐसे कांड सामने आते है और कुछ दिनों के बाद उसे भुला दिया जाता है. कुछ सालों पहले 16 दिसम्बर की रात को भी ऐसा ही घिनौना कार्य हुआ था उसके बाद लोग सडको पर भी आये नये कानून भी बने लेकिन हुआ क्या? न rape होने बंद हुए और न ही ऐसी घटना को राजनैतिक रूप देना बंद हुआ.

इस केस में पुलिस की भी भूमिका थी तो जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो लोग किसके पास जाए. अब पूरी घटना के होने के बाद कई लोग इन अपराधियों के पक्ष में रैली निकालने और धरना प्रदर्शनकरने लगे है जो की ऐसे लोगो को बढ़ावा देते है.

जब तक ऐसे लोगो की मानसिकता में बदलाव  नहीं क्या जाता तब तक कानून बदलने से या रैली निकालने से कुछ ज्यादा इफेक्ट्स नहीं पड़ेगा. इसलिए "सोच बदलो देश बदलेगा."

issues क्या सामने आते है?

  मानवता ( humanity )- क्या भारत जैसे देश जिसे विश्व गुरु कहा जाता थ उसमे ऐसे मानवता को शर्मसार करने वाले काम हो रहे है.  लोगो की मानसिकता इतनी विकृत हो गई है जिसमे बदला लेने के लिए मासूमों को शिकार बनाया जा रहा है.

जिस देश में दुर्गादास राठौड़ जैसे लोग हुए है जिन्होंने अपने कट्टर दुश्मनों की सन्तान हाथ लगने पर भी उन के साथ अपने बेटे-बेटी की तरह पाल पोश  कर  बड़ा किया और सम्मान के साथ उनके राज्य में भेज दिया.

politics - पुरे मामले में नेता और अफसर की बड़ी भूमिका रही जहाँ अफसरों ने घटना को अंजाम दिया वही नेताओं ने उन्हें बचने के लिए रैली में भाग लिया .

सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ना  - ऐसे कृत्य करने वाले किसी भी मजहब के हो लेकिन इतना तो पक्का है की उन्हें अपने मजहब का ज्ञान नहीं है क्योंकि कोई भी मजहब ऐसे कांड को कतई सही नहीं कह सकता . यह काम एक विकृत और घटिया सोच का व्यक्ति ही कर सकता है .

महाराणा प्रताप की जीवनी

कठुआ rape case में क्या हो?

  ऐसे मामलों में इन लोगों को फांसी से कम सजा तो हो ही नहीं सकती और यह तो मानवता और भारतीय संस्कृति को निचा दिखाने वाला कार्य है.

कई लोग इस पुरे मामले को धार्मिक रूप देकर चुपी साध रहे है मेरा तो इतना ही कहना है -
   "मेरे कत्ल पर हंसने वालो, कल आपका भी नंबर आएगा."

और इस पुरे घटना पर मुझे मेरी दो लाइन है -
   जहाँ सोना ला रही है बेटियां खेलों में,
  वहां कलियाँ नोची जा रही है गलियों में.
#JusticeforAsifa आप हमारे फेसबुक page पर भी जुड़ सकते है .



इच्छा मृत्यु कानून क्या है?
sc st act क्या है?


आपके इस case पर क्या ख्याल है और आपके अनुसार इस सबके लिए कौन जिम्मेदार है? तथा इन्हें क्या सजा दी जानी चाहिए? एस पर अपने विचार जरुर लिखे. क्योंकि यदि आज आप चुप रहे तो भावी पीढ़ी आपसे जवाब मांगेगी.

No comments:

Post a Comment