Hello friends इस post मे हम हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के दस आचरण सूत्र ( Harvard University's 10 Practices formula ) को पढेगे।
● सभी लोग चिंतन करके ही व्यवहार करते है, ऐसा नहीं है | वे जो कुछ करते है वह उचित ही होता है , ऐसा भी नहीं है | ज्यादातर लोग अपना ही विचार करके चलते है, बरतते है|
फिर भी...........उनके प्रति सद्भावना
रखे, उनके साथ प्रेम से व्यवहार करें|
● आप कुछ अच्छा करेंगे , तो लोग कहेंगे
की ऐसा करने के पीछे भीतर से आपका हेतु स्वार्थ का है|
फिर भी.........अच्छा करना, भलाई की राह
पर चलना चालू रखे|
● .यदि आप अपने कार्य में सफल होंगे तो
निकम्मे मित्र आपको मिल जाएंगे |
फिर भी..........उनके प्रभाव में नहीं आकर
, सफलता के लिये काम करते रहे |
● आप आज जो कुछ अच्छा करेंगे , भलाई का
काम करेंगे , वह कल भुला दिया जायेगा |
फिर भी..........अच्छा करते रहना , भलाई करते
रहना चालू रखे|
● आप प्रमाणिकता से व्यवहार करेंगे , सत्य
बातें करेंगे , तो आप आलोचना में फँस जाएँगे , आप विवाद के पात्र बनेगे |
फिर भी..........प्रमाणिकता का त्याग नहीं
करना है | सच्चे बने रहे |
● उच्च विचारवान बड़े से बड़े व्यक्ति को
भी एक संकुचित विचार वाला तोड़ दे ऐसा हो सकता है |
फिर भी.........उच्च विचार से लगे रहना ,
दृष्टि विशाल रखना|
● दीन व् भाग्यहीन के प्रति सब कोई दया
भाव दिखाते है यह सच है, मगर ऐसे लोग भी धनिक व् भाग्यवान का ही अनुसरण करते है |
फिर भी...........गरीब व् भाग्यहीन के
लिये लड़ता रहना |
● जिस ईमारत को बनाने में बरसों लगे हो,
वह रात रात में जमींदोज हो जाए, ऐसा हो सकता है |
फिर भी इमारत बनाना चालू रखे |
● लोगो को वास्तव में help की आवश्यकता
होती है | आप उनको सहायता करेंगे और वे आपको thanks कहने की बजाय आप पर हमला बोल
दें, ऐसा भी हो सकता है |
फिर भी..........लोगो की सहायता करने में
कभी पीछे मत हटना |
● आपके पास जो श्रेष्ठ , वह संसार को
देते रहो| बदले शायद लातें मिलेंगी |
फिर भी.........आपके पास जो श्रेष्ठ है,
वह संसार को दे ही दें |
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